Rahu and astrology
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RAHU REPRESENT HEAD |
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Rahu को ज्योतिष (Astrology) में एक छाया ग्रह माना जाता है। यह भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं है, लेकिन ज्योतिष में इसे चंद्रमा के उत्तरी गोलार्ध (North Lunar Node) के रूप में जाना जाता है। राहु का स्वभाव और प्रभाव अद्वितीय है और इसे कर्मफल, भौतिक सुख-सुविधा, और सांसारिक इच्छाओं का कारक माना जाता है।
राहु के प्रभाव:
1. सकारात्मक प्रभाव:
राहु अगर कुंडली में शुभ स्थिति में हो तो यह व्यक्ति को तेज बुद्धि, मौलिक सोच, और अप्रत्याशित सफलता देता है।
तकनीकी क्षेत्र, विदेशी संबंध, और अनुसंधान में राहु का विशेष योगदान होता है।
यह व्यक्ति को जोखिम लेने वाला और आधुनिक दृष्टिकोण रखने वाला बनाता है।
2. नकारात्मक प्रभाव:
राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति भ्रमित, लालची, और धोखाधड़ी में लिप्त हो सकता है।
यह मानसिक तनाव, भ्रम, और नशे की प्रवृत्ति का कारण बन सकता है।गलत संगति, अवैध कार्य, और छिपी हुई शत्रुता भी राहु के अशुभ प्रभाव से होती है।
राहु से जुड़े ज्योतिषीय तथ्य:
राशि स्वामित्व: राहु किसी राशि का स्वामी नहीं है, लेकिन यह मिथुन (Gemini) और कन्या (Virgo) राशि में शुभ परिणाम देता है।
उच्च (Exaltation) स्थिति: राहु वृषभ (Taurus) में उच्च माना जाता है।
नीच (Debilitation) स्थिति: राहु वृश्चिक (Scorpio) में नीच माना जाता है।
शक्ति स्थान: राहु को छठे, आठवें, और बारहवें भाव में बलवान माना जाता है।
ग्रहण योग: यदि राहु सूर्य या चंद्रमा के साथ होता है, तो यह ग्रहण योग बनाता है, जिससे जीवन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं
राहु के उपाय:
1. राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान चालीसा और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
2. शनिवार को काली चीजें जैसे काले तिल, उड़द दाल, या काला कपड़ा दान करें।
3. राहु के बीज मंत्र "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" का जप करें।
4. गोमेद (Hessonite) रत्न पहनने से राहु के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है। इसे पहनने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श लें।
5. नियमित रूप से शिवजी की पूजा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
राहु जीवन में अचानक बदलाव लाने वाला ग्रह है। इसे सही दिशा में नियंत्रित किया जाए, तो यह व्यक्ति को ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक हो सकता है।
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