SUN AND MOON YUTI [VEDIC ASTROLOGY/HINDI BLOG]

BLOG NO.25 सूर्य और चंद्रमा की युति, सूर्य आत्मा, ऊर्जा, और अहंकार का प्रतीक है, जबकि चंद्रमा मन, भावनाओं और अंतर्ज्ञान का प्रतीक है। जब ये दोनों ग्रह किसी एक घर में आते हैं, तो यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गहरे प्रभाव डालता है। 12 अलग-अलग भावों में सूर्य और चंद्रमा की युति का क्या प्रभाव :👇 सूर्य 1. प्रथम भाव (लग्न) प्रभाव: सूर्य और चंद्रमा की युति लग्न भाव में व्यक्ति को आत्मविश्वासी और महत्वाकांक्षी बनाती है। यह स्थिति नेतृत्व क्षमता और एक आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करती है। हालांकि, व्यक्ति में अहंकार भी बढ़ सकता है। सकारात्मक पक्ष: तेज दिमाग, प्रभावशाली व्यक्तित्व। नकारात्मक पक्ष: भावनात्मक अस्थिरता, आत्मकेंद्रितता। 2. द्वितीय भाव (धन भाव ) प्रभाव: धन भाव में युति व्यक्ति को धनवान बना सकती है। ऐसे लोग अपने परिवार और धन के मामलों में भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। सकारात्मक पक्ष: अच्छा धन संचय, पारिवारिक संपत्ति। नकारात्मक पक्ष: पारिवारिक संघर्ष, बोलने में कटुता। 3. तृतीय भाव (पराक्रम भाव) प्रभाव: इस भाव में युति से व्यक्ति साहसी और बोलने में प्रभावशाली बनता है...